दोस्तों स्वागत है मेरे इस पोस्ट पे , तो दोस्तों आप सब जानते ही होंगे की अब कुछ ही दिनों में बारिश के मौषम आने वाले है आसमान पे बादल छाए रहेंगे बिजली कड़केगी और मुशला धार बारिश होती रहेगी , तो दोतों आज हम जानेगे की चक्रवातीय वर्षा या तूफान क्या होता है और कैसे उत्पन्न होता है ,
जब दो विपरीत स्वभाव वाली हवाएं जब अलग अलग दिशाओं से आकर एक साथ मिलती हैं तो वाताग्र का निर्माण होता हैं। इस वाताग्र के सहारे गर्म हवाएं ऊपर उठ जाती हैं तथा ठंडी हवाएं नीचे ही रह जाती हैं। इस तरह का चक्रवातीय वाताग्र प्रायः शीतोष्ण कटिबन्धों में बनता हैंजहां पर ध्रवीय ठंडी तथा भारी हवाएं (उ० पू०) तथा गर्म, हल्की पछुवा हवाएं (द० प०) मिलती हैं।
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जब गर्म तथा ठंडी हवाएं आमने-सामने मिलती हैं तो कम घनत्ववाली हलकी हवा ज्यादा धनत्व तथा भारी ठंडी हवा के ऊपर उठने लगती हैं, परन्तु यहां पर हवा का ऊपर उठना संवाहनीय हवाओं की तरह ऊध्वार्धर न होकर तिरछे रूप में होता हैं। ऊपर की गर्म हवा स्थिर नही हो पाती तथा नीचे ठंडी हवा के कारण ठंडी होने जगती हैं और धीरे-धीरे उसका संघनन प्रारम्भ हो जाता हैं और इसके परिणामस्वरूप चक्रवातीय वर्षा होती है।